Monday 1 November 2010

दु:ख दरिद्र सब दूर हो-घर में हो लक्ष्मी का बसेरा


'एक हमारा, एक तुम्हारा-दीप जले, चमके चौबारा,मिल-जुल पर्व मनाना साथी! दीपक एक जलाना साथी!!' उक्त पंक्तियां हितैष सिंगला ने स्टार स्ट्रगल ग्रुप द्वारा अनाज मंडी में दिवाली के अवसर पर आयोजित काव्य पाठ समारोह के दौरान कही। मिलजुल कर रहने का संदेश देती इस कविता को श्रोताओं से काफी सरहाना मिली। 'दीपों की लाईन है ,मिठाई की बहार है,बॉंटता जो प्यार है , दिवाली का त्यौहार है' सुनाकर दिनेश गोयल ने खूब वाहवाही लूटी। वहीं हिमांशु सिंगला ने प्रेम को जीवन का एकमात्र सार बताते हुए इस दिवाली पर प्रेम का दीप जलाने की बात कही। उन्होंने कहा कि 'जीवन की खुशियों के खातिर-मिलकर चलो, ले स्नेह प्रण-दिपोत्सव को बना दो सार्थक,हर दिल में दीप प्रज्वलित कर..।' रोहित गर्ग ने जीवन के अंधकार इस दिवाली पर समाप्त करने की कामना करते हुए कहा कि 'जगमग जगमग दीप जले-आये घर में खुशहाली,आपके जीवन में आये न-कोई अँधेरी रात काली,दु:ख दरिद्र सब दूर हो-घर में हो लक्ष्मी का बसेरा।' दिवाली को उमंगो और उत्साह का त्योहार बताते हुए गोबिंद सोनी ने कहा कि 'चाहे लाखों तूफान आये,बुझे न आपके जीवन का दीप,हो चारों तरफ हरियाली आपके,खिल उठे हर मुरझाई कली,उमंगो और उत्साह से भरी,मुबारक हो आपको दीपावली।' इस दौरान मुख्यातिथि विशाल मिश्रा ने स्टार स्ट्रगल ग्रुप के बच्चों की प्रशंसा करते हुए कहा कि साहित्य के प्रति इन बच्चों का इतना अधिक लगाव आने वाले कल की सुनहरी तस्वीर को दिखा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस भी समाज में साहित्य बलवान रहा है, इतिहास साक्षी है वह समाज सदैव प्रगति को छूता रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों में इस प्रकार के संस्कार ड़ालने के लिए इनका स्कूल व अध्यापकगण भी बधाई के पात्र है। इस अवसर पर सुभाष सिंगला, रामबिलास गोयल, शिव कुमार सिंगला, इंद्रसेन, कृष्ण गर्ग, सत्यवान सहित काफी संख्या में श्रोता उपस्थित थे।

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